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केवल उद्योगपतियों के माफ किए जा रहे ऋण : वरुण गांधी

 

बोले-गरीबों को ऋण चुकाने के लिए बेचने पड़ रहे शरीर के अंग

 पीलीभीत। सांसद वरुण गांधी ने कहा कि एक तरफ लोगों को ऋण चुकाने के लिए अंगों को बेचना पड़ रहा है। दूसरी तरफ उद्योगपतियों के ऋण माफ किए जा रहे हैं।

सांसद ने ऋण व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि बुलंदशहर के एक किसान को ढाई लाख रुपये का ऋण चुकाने के लिए अपने शरीर के दो अंगों को बेचना पड़ा। वहीं दूसरी ओर देश के सबसे बड़े उद्योगपति का 70 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ कर दिया गया।

बोले- जिनके पास अथाह पैसा है उनका ऋण माफ किया जाता है, जिसके पास ढाई लाख रुपये नहीं है उसको ऋण चुकाने के लिए अंग बेचने पड़ रहे हैं। क्या गरीब का ऋण माफ नहीं होना चाहिए। गरीबों की कोई भी सुनने वाला नहीं है।

सांसद ने कहा कि अगर हम आम इंसान के संघर्ष को लेकर मौन हो जाएंगे तो हमारा लोकतंत्र मौन की तरफ बढ़ जाएगा। यह सच्चाई है कि हिन्दुस्तान में बराबर की व्यवस्था कभी नहीं रही।

यह भी सच्चाई है कि मौजूदा समय में लोगों के सपने तो बड़े हो गए लेकिन साकार करने के लिए रास्ते बड़े नहीं हैं। इसी वजह से देश में हिंसा बढ़ती जा रही है। लोगों के बीच खाई बढ़ती जा रही है।

सांसद ने बताया कि चार दिन पहले जब वह पीलीभीत आए थे तो डीएम से ऋण लेने वालों की सूची मांगी। सूची देखी तो बहुत कम लोगों को ऋण दिया जाना मिला।

इससे पहले मंगलवार को जिले में दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे सांसद वरुण गांधी का खमरिया पुल पर कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने ललौरीखेड़ा क्षेत्र के डंडिया भिसौड़ी, भगवंतपुर, नांद पसियापुर, ऐमी, गहलुईया, गोंछ, कनाकोर, उमरसड़, रमपुरा उझैनिया, कल्याणपुर, शिवपुरिया आदि गांवों में जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित किया

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