यू सीसी विधेयक केवल उत्तराखंड राज्य विधानसभा से पारित किया जाना देश के संविधान में सभी धर्म को दी गई आजादी पर चोट करने जैसा होगा यह बात कांग्रेस के जिला सचिव श्री एन यू खान अपने एक बयान में कहीं श्री खान ने कहा के जब देश आजाद हुआ था सभी को अपने-अपने धर्म के प्रतिश स्वतंत्रता का अधिकार संविधान ने दिया था उच्च जैसा कानून देशभर के सिर्फ एक राज्य में लाया जाना धर्म विशेष पर चोट से काम नहीं है तथा इसमें मुस्लिम समाज की ओर से दिए गए सुझावों को भी पूरी तरह से नज़रंदास किया गया है श्री एन यू खान का कहना था के विधेयक के पारित होने के पश्चात इसका ध्यान कर यदि धर्म विरुद्ध या धार्मिक मामलों में दखलअंदाजी जैसे मामले पाए गए तो इन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके विरुद्ध अध्ययन कर आवश्यकता पड़ी तो माननीय न्यायालय में भी जाया जाएगा इस देश में संवैधानिक रूप से अपने-अपने धर्म को मानने की सभी को छूट प्रदान की गई है उसमें दखलअंदाजी सहन नहीं की जाएगी समान नागरिक संहिता का विधेयक मात्र एक प्रदेश में लाया जाना चुनावी जुमले से अधिक कुछ नहीं है यदि इस तरह के कानून की देश में जरूरत है तो इस केंद्र सरकार को देशभर में लागू किया जाना चाहिए ना के एक प्रदेश में