प्रशासन अवैध खनन रोकने में नाकाम खनन माफियाओं के हौसले बुलंद
किच्छा क्षेत्र में सरकारी भूमि पर जमकर हो रहा है अवैध खनन माफिया के हौसले इस कदर बुलंद है की दिनदहाड़े दो-तीन दिन जेसीबी लगाकर खुलेआम खनन कर रहा है इससे साबित होता है कि खनन माफिया को प्रशासन या पुलिस का कोई डर नहीं है आसपास क्षेत्र के खनन माफिया भी किच्छा क्षेत्र में खनन को लेकर सक्रिय हैं हालात यहां हो गए हैं की प्रयाग फॉर्म की सरकारी भूमि भी खनन माफियाओं द्वारा दिन रात खोदी जा रही है खनन की अनुमति मात्र दिखावे के लिए ली जा रही है जबकि खनन अन्य जगह से किया जा रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बंडिया क्षेत्र में एक खनन माफिया द्वारा 10000 घन मीटर मिट्टी की अनुमति लेकर लगभग 100000 से ज्यादा घन मीटर मिट्टी खोदने के बाद अब जेसीबी से नदी से रेता निकाल कर सरकार को राजस्व का चूना लगाया जा रहा है हैरानी की बात यह है कि यह अवैध खनन आम नागरिक को तो दिखाई देता है परंतु शासन प्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों को नजर नहीं आता है दिन रात सड़क पर दौड़ते इन ओवरलोड वाहनों से हमेशा जान माल का भय बना रहता है सरपट दौड़ते ओवरलोड डंपरों से उड़ रही धूल के कारण दो पहिया वाहन चालकों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है प्रशासन की इसी हिला हवाली के कारण आसपास क्षेत्र के खनन माफिया भी किच्छा में सक्रिय हो गए हैं हल्द्वानी रुद्रपुर बाजपुर के खनन माफिया ने भी किच्छा में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं आलम यह है कि खनन माफिया दिन-रात सरकारी जमीन पर अवैध खनन कर रहा है और प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सो रहा है खनन माफियाओं का नेटवर्क इतना मजबूत है कि प्रशासन की किसी भी कार्रवाई की खबर उन तक पहले पहुंच जाती है यदि सही तरीके से प्रशासन जांच करें तो खनन माफिया के ऊपर करोड़ों रुपए का अर्थ दंड लग जाएगा क्योंकि जिस हिसाब से सरकारी भूमिका दोहन किया गया है उससे सरकार को बहुत बड़ी राजस्व की हानि हुई है बंडिया क्षेत्र में अवैध रूप से नदी से राहत निकल रही खनन माफिया की मशीन है आने वाली बरसातों में इस क्षेत्र में कहर बरपायेगी जिसका खामी आज पुरानी मंडी क्षेत्र में रह रहे लोगों को भुगतना पड़ेगा यदि किच्छा क्षेत्र में इसी प्रकार अवैध खनन होता रहा तो कुछ समय बाद तराई कि इस सोना उगलने वाली जमीन मैं सिर्फ गड्ढे गड्ढे ही दिखाई देंगे अब देखना यह है कि प्रशासन की कुंभकरणी नींद कब खुलती है प्रशासन इन खनन माफिया पर अंकुश लगा पता है या उसके अर्थ के आगे गांधी के तीन बंदर बन कर नाचता है